Nifty और sensex क्या होता है? निफ्टी और सेंसेक्स के बीच का अंतर क्या होता है? आपने भी सोचा होगा। जब आप कारोबार से जुड़ी खबरे देखते है तो न्यूज चैनल पर यह नीचे हेड्लाइन मे दिखाता रहता है। आज का निफ्टी (Nifty) इतना है, आज निफ्टी मे इतने का उछाल आया, इतने का गिरावट आया और इतने पर निफ्टी बंद हुआ है ठीक ऐसे ही सेंसेक्स के बारे मे दिखाता है।
निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) दोनों भारत के शेयर मार्केट से जुड़े सूचकांक (लार्ज कैप इंडेक्स) चिन्ह है जो की प्रदर्शित करते है शेयर मार्केट का भाव। निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) दोनों मे गिरावट और उछाल का सीधा असर भारत के शेयर बाजार पर पड़ता है। इसमे गिरावट और उछाल होने से निवेशकों का नफा – नुकसान जुड़ा होता है।
भारत मे दो शेयर बाजार है एक एनएसई (NSE) दूसरा बीएसई (BSE) NSE पास भारत की सबसे बड़ी 50 स्टॉक शेयर कंपनियां सूचीबद्ध है इन्ही कंपनियों के शेयर को इंडेक्स करने के लिए एनएसई Nifty का प्रयोग करता है। ठीक इसी प्रकार BSE के पास भारत की बड़ी 30 स्टॉक शेयर कंपनियां सूचीबद्ध है इसी के शेयर को इंडेक्स करने के लिए बीएसई सेंसेक्स 30 मे इंडेक्स करता है।
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सेंसेक्स क्या होता है? What is Sensex?
‘सेंसेक्स’ बीएसई यानि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स वैल्यू है। सेंसेक्स को सबसे पहले 1 जनवरी, 1986 को शुरू किया गया था। इसमें भारत की 30 बड़ी कंपनियों का शेयर दिखाया जाता है जो की प्रॉफ़िट और लॉस के रूप मे इंडेक्स किया जाता है।
सेंसेक्स (Sensex) की गणना कैसे की जाती है?
- बीएसई मे शामिल सभी 30 कंपनियों का एक साथ मार्केट कैपिटलाइजेशन निकाला जाता है। इसके लिए कंपनी द्वारा जारी किये गए शेयरों की संख्या को शेयरों के भाव से गुणा करते है इसके फलस्वरूप जो आकड़ा प्रस्तुत होता है उसे मार्केट कैपिटलाइजेशन कहते है इसी को हिन्दी मे बाजार पुंजिकरण कहते है।
- अब उस कंपनी के फ्री फ्लोट तरीके से गणना किया जाता है। यह कंपनी के द्वारा जारी किये गए कुल शेयरों का वह प्रतिशत है जो बाजार मे ट्रैडिंग के लिए उपलब्ध होता है। यहाँ इस उदाहरण से समझिए – मार्केट मे को कंपनी X है। इस कंपनी के पास 100 शेयर 50 शेयर सरकार और प्रमोटर के पास है, तो बाकी 50 शेयर 50 फीसदी के रूप मे ट्रैडिंग के लिए उपलब्ध है। इसका मतलब X कंपनी का फ्री फ्लोट फैक्टर 50 फीसदी हुआ।
- अब बारी – बारी से सभी कंपनियों के फ्री फ्लोट फैक्टर को उस कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन से गुणा करके कंपनी के फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन की गणना की जाती है।
- जब सभी 30 कंपनियों का फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन की गणना हो जाती है तब 30 कंपनियों के फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन को आपस मे जोड़ दिया जाता है। अब जो बड़ी संख्या निकल कर सामने आती है उसमे बेस मार्केट वैल्यू जो की (सेंसेक्स के लिए 2501.24 करोड़) तय किया गया है से भाग देकर, अब बेस वैल्यू इंडेक्स जो की (सेंसेक्स के लिए 100 है) से गुणा कर दिया जाता है। इन सब गणना के बाद जो वैल्यू हमारे सामने प्राप्त होता है उसे सेंसेक्स का इंडेक्स कहते है।
निफ्टी क्या होता है? What is Nifty?
NSE जिसको नैशनल स्टॉक एक्सचेंज कहते है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी यानि की निफ्टी (नैशनल स्टॉक एक्सचेंज) एनएसई का मार्केट इंडेक्स वैल्यू है। इसको अलग नाम से निफ्टी 50 और CNX Nifty जाना जाता है। एनएसई मे देश की 50 कंपनियों को निफ्टी 50 के द्वारा इंडेक्स किया जाता है। निफ्टी शब्द नैशनल और फिफ्टी शब्द को मिलाने से बना है।
निफ्टी को 1996 मे लॉन्च किया गया था यह बीएसई के जैसे ही लार्ज कैप कंपनियों के परफॉरमेंस को इंडेक्स करता है। परंतु एनएसई, बीएसई के तुलना मे अधिक डाइवर्सीफाइड है। निफ्टी मे भी फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर गणना किया जाता है।
निफ्टी (Nifty) की गणना कैसे की जाती है?
- निफ्टी की गणना सेंसेक्स के तरह ही फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर ही की जाती है। पर इसमें इंडेक्स वैल्यू मे अंतर होता है और इसके साथ बी मार्केट कैपिटल मे भी अंतर होता है।
- Nifty को निकालने के लिए एनएसई मे सम्मिलित सभी 50 कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन यानि बाजार पुंजिकरण निकाल लिया जाता है। जिसके लिए आउटस्टैन्डींग शेयर की संख्या को वर्तमान भाव से गुणा कर दिया जाता है।
- इसके बाद मार्केट कैप को इंवेस्टेबल वेट फैक्टर (RWF) से गुणा किया जाता है। RWF पब्लिक ट्रैडिंग के लिए उपलब्ध शेयरों का हिस्सा है।
- बेस मार्केट कैपिटल को इंडिविजुअल स्टॉक को एसाइन किए हुए बेस इंडेक्स वैल्यू से गुणा कर दिया जाता है।
- निफ्टी को कैलकुलेट करने के लिए सभी 50 कंपनियों के वर्तमान मे चल रहे बाजार मूल्य को बेस बाजार कैपिटल से गुणा कर बेस इंडेक्स वैल्यू से गुणा कर दिया जाता है।
- एनएसई मे बेस मार्केट कैपिटल का वैल्यू 2.06 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है। और बेस वैल्यू इंडेक्स 1000 है।
निफ्टी निकालने का फॉर्मूला सूचकांक मूल्य = वर्तमान बाजार मूल्य/(बेस मार्केट कैपिटल * बेस इंडेक्स वैल्यू)
Nifty और Sensex मे क्या अंतर होता है?
निफ्टी | सेंसेक्स |
---|---|
निफ्टी एनएसई का इंडेक्स है | सेंसेक्स बीएसई का इंडेक्स है |
निफ्टी 50 मे पचास कंपनियों के स्टॉक बाजार पर गणना किया जाता है | सेंसेक्स मे 30 कंपनियों के स्टॉक बाजार पर गणना किया जाता है |
निफ्टी मे ट्रैड डेरिवेटिव सिस्टम पर वर्क करता है | सेंसेक्स मे ट्रैड डेरिवेटिव जैसे कोई सिस्टम नहीं है |
निफ्टी मे बेस वैल्यू इंडेक्स 1000 है | सेंसेक्स मे बेस वैल्यू इंडेक्स 100 है। |
निफ्टी मे बेस मार्केट कैपिटल वैल्यू 2.06 लाख करोड़ तय है। | सेंसेक्स मे बेस मार्केट कैपिटल वैल्यू 2501.24 करोड़ तय है। |
निष्कर्ष Conclusion
इस पोस्ट मे हमने जाना निफ्टी और सेंसेक्स क्या होता है और निफ्टी और सेंसेक्स मे अंतर क्या होता है। nifty और sensex दोनों भारत के सबसे बड़े आर्थिक तंत्र है। इसी के ऊपर भारत कि अर्थव्यवस्था तय होता है। बीएसई जो की दुनिया मे 10 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है वही एनएसई दुनिया का 11 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। बीएसई एशिया का सबसे पहला स्टॉक मार्केट है।